हमको नहीं चाहिए कोई बस
हम पहुँच जाएंगे अपने आप,
बस लाठी मत बरसाना आप।
आपको सिर्फ करनी आती राजनीति,
नहीं आती कोई शर्म।।
कुछ भाई हमारे पहुँच गए हैं,
कुछ और पहुँच जाएंगे।
जब लॉक डाउन खुल जाएगा,
हम ' आपको' बहुत याद आएंगे।।
हमने तो इस हाल में भी
रेल का भाड़ा दिया हैं।
तुमने तो सिर्फ वादों का
पिटारा दिया हैं।।
वोट पाना तुम्हारा,
एकमात्र निशाना हैं।
मुझको तो अपना
परिवार पालना हैं।।
मंगल तक तुम जरूर,
पहुँचे होंगे।
मुझको मेरे गाँव
जाने दो।।
रास्ते में ना रोकना मुझको,
मुझको मेरे गाँव जाने दो।
हम पहुँच जाएंगे अपने आप,
बस लाठी मत बरसाना आप।
आपको सिर्फ करनी आती राजनीति,
नहीं आती कोई शर्म।।
कुछ भाई हमारे पहुँच गए हैं,
कुछ और पहुँच जाएंगे।
जब लॉक डाउन खुल जाएगा,
हम ' आपको' बहुत याद आएंगे।।
हमने तो इस हाल में भी
रेल का भाड़ा दिया हैं।
तुमने तो सिर्फ वादों का
पिटारा दिया हैं।।
वोट पाना तुम्हारा,
एकमात्र निशाना हैं।
मुझको तो अपना
परिवार पालना हैं।।
मंगल तक तुम जरूर,
पहुँचे होंगे।
मुझको मेरे गाँव
जाने दो।।
रास्ते में ना रोकना मुझको,
मुझको मेरे गाँव जाने दो।
Wow, superb.
ReplyDeletebeautiful nd 💓 touching lines 👏👏
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