Sunday, May 31, 2020

Offences and Penalties under GST Act

अर्जुन: भगवन, सादर प्रणाम! पेनल्टी शब्द से क्या अभिप्राय हैं?

कृष्ण: वत्स! एक अस्थायी सजा या धन का योग कानून के अनुसार, सजा के रूप में लगाया जाना। 


अर्जुन: भगवन ! क्या GST अधिनियम में कोई पेनल्टी का प्रावधान हैं?

कृष्ण: अर्जुन! प्रत्येक अधिनियम में पेनल्टी का प्रावधान अवश्य होता हैं। बिना पेनल्टी के प्रवाधान के कानून की पालना नहीं हो सकती। इसलिये कानून की पालना के लिए अधिनियम में पेनल्टी का प्रावधान अवश्य हो जाता हैं। 

अर्जुन: भगवन! GST अधिनियम में पेनल्टी के प्रावधान के बारे में बताईये?

कृष्ण: GST अधिनियम के अनुभाग 122 में कुछ अपराधों के लिए पेनल्टी दी गयी हैं। 

जहाँ एक कर योग्य व्यक्ति जो-

1.बिना बिल के या गलत बिल के साथ सप्लाई करना।
2. बिना सप्लाई के बिल जारी करना।
3. टैक्स इक्कट्ठा करके रख लिया और देय(due) तिथि से 3 महीने के भीतर नहीं भरा।

उदाहरण के तौर पर जैसे-

Mr. A जिसने 15 मई 2019 को Mr. B को Rs.10,000+ 18% GST पर माल बेचा। Mr. B ने Mr. A को 22 मई 2019 को 11,800 रुपए दिए। टैक्स जमा करने की देय तिथि 20 जून 2019। अगर Mr. A टैक्स के 1800 रुपए सरकार को देय तिथि से तीन महीने तक यानी कि 19 सितम्बर 2019 तक जमा नहीं करता हैं तो वह पेनल्टी के लिए उत्तरदायी होगा ।

4. इस कानून के विरुद्ध टैक्स ( जहाँ जरूरी नहीं) इक्कट्ठा करके रख लिया और 3 महीने तक नही भरा।
5. टीडीएस नहीं काटा या कम काटा और भरा भी नहीं।
6. टीसीएस नहीं काटा या कम काटा और भरा भी नहीं।
7. बिना माल/सेवा प्राप्त किए इस कानून के विरुद्ध आईटीसी (Input Tax Credit) लिया।
8. रिफंड फ्रॉड करके ले लिया।
9. इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर ने आईटीसी डिस्ट्रीब्यूट गलत कर दिया या आईटीसी गलत ले लिया।
10. टैक्स चोरी के उद्देश्य से रिकॉर्ड में हेरफेर करना।
11. लॉ के अनुसार GST में रेजिस्ट्रेशन करवाना था लेकिन करवाया नहीं
12. रेजिस्ट्रेशन के वक़्त गलत जानकारी दी या गलत पेपर दिया।
13. किसी अधिकारी को उसकी ड्यूटी निभाने से रोकने पर।
14. माल का ट्रांसपोर्टेशन बगैर डॉक्यूमेंट के किया।
15. टैक्स चोरी के उद्देश्य से टर्नओवर को छिपाया।
16. बुक्स और अन्य जरूरी डाक्यूमेंट कानून के अनुसार नहीं बनाए तो या  बुक्स और अन्य जरूरी डाक्यूमेंट कानून के अनुसार नहीं रखे।
17. किसी अधिकारी को आवश्यक डॉक्यूमेंट नहीं दिए या किसी अधिकारी को गलत दस्तावेज देने की स्थिति में।
18. किसी माल की सप्लाई/परिवहन/भंडारण जब्त करने के लिए उत्तरदायी
19. दूसरे का रजिस्ट्रेशन नंबर उपयोग करके बिल या कोई डॉक्यूमेंट जारी करना।
20. किसी भी दस्तावेज में हाथ से हेरफेर किया गया हो।
21. कोई माल जब्त किया और उसमें कोई छेड़छाड़ की गई हो।

अर्जुन: भगवन! अनुभाग 122 में दिए गए पेनल्टी की मात्रा क्या हैं?

कृष्ण: अर्जुन! अनुभाग 122 (1) के अनुसार अगर कोई कर योग्य व्यक्ति अनुभाग 122 में दिए गए अपराधों का भागी पाया जाता हैं तो वह निम्न दो में से जो भी ज्यादा अमाउंट होगा वो देने के लिए उत्तरदायी होगा-

1. दस हज़ार रूपये; या

2.1 टैक्स चोरी के बराबर की राशि; या
2.2 टीडीएस नहीं काटा या कम काटा या काटा लेकिन सरकार को जमा नहीं करवाया; या
2.3 टीडीएस  इकट्ठा नहीं किया या कम इकट्ठा किया या इकट्ठा किया लेकिन सरकार को जमा नहीं किया; या
2.4 इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लिया या गलत तरीक़े से वितरित किया 
2.5 रिफंड का अमाउंट जो फ्रॉड से लिया ।

उदाहरण के तौर पर जैसे-

Mr. A जो GST कानून में रेजिस्ट्रेशन के लिए उत्तरदायी हैं लेकिन निर्धारित समय के अंदर खुद को रजिस्टर नहीं करवाता हैं । रेजिस्ट्रेशन ना करवाने के कारण , Mr. A द्वारा 9260 रुपए की टैक्स चोरी की गई।
 अब Mr. A. पर निम्न दो में से जो ज्यादा होगा उतनी राशि पेनल्टी के रूप में वसूली जाएगी।
1. Rs. 10,000/-
2. टैक्स चोरी के बराबर की राशि - Rs. 9260

इस प्रकार, Mr. A 10,000 रुपए पेनल्टी का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगा। 



अर्जुन: भगवन! अगर कोई पंजीकृत व्यक्ति (Registered Person) किसी माल या सेवा की आपूर्ति कर देता हैं लेकिन सरकार को टैक्स जमा नहीं करता या कम जमा करता हैं तो क्या उस अपराध पर भी कोई पेनल्टी का प्रावधान हैं?

कृष्ण: हे अर्जुन! GST अधिनियम के अनुभाग 122 (2) यदि किसी पंजीकृत व्यक्ति ने किसी सेवा या माल की आपूर्ति की हैं लेकिन उस पर टैक्स का भुगतान नहीं किया हैं या भुगतान कम किया हैं या गलत तरीके से रिफंड लिया हैं या गलत तरीके से इनपुट ले लिया हैं या उसका गलत उपयोग कर लिया हैं तो-

1. अगर ये सब जानबूझकर नहीं किया गया है तो 10 हज़ार या 10% टैक्स चोरी का, दोनों में जो भी ज्यादा होगा वो पेनल्टी के रूप में लगेगा। 
2. अगर ये सब फ्रॉड के उद्देश्य से किया गया हैं तो 10 हज़ार या जो टैक्स लेना बाकी हैं , दोनों में से जो भी ज्यादा हो, भरना पड़ेगा ।


अर्जुन: भगवन! क्या किसी अन्य व्यक्ति के लिए भी कोई पेनल्टी निर्धारित हैं? 

कृष्ण: हाँ, अर्जुन! अनुभाग 122 (3) के अनुसार यदि कोई व्यक्ति ऊपर दिए गए 21 अपराध को करने में मदद करता हैं या किसी माल को ट्रासंपोर्ट कर रहा हैं और उसे मालूम हैं कि ये कानून के विरुद्ध हैं और माल रास्ते मे पकड़ा जा सकता हैं या कोई समन मिला और अधिकारी के सामने उपस्थित नहीं हुआ तो या इस कानून के अनुसार बिल जारी नहीं किया तो इन सभी केस में 0 से लेकर 25,000 रुपए तक कि पेनल्टी लगाई जा सकती हैं। 



अर्जुन: हे माधव! किसी भी अन्य अपराध के लिए जो किसी भी अनुभाग में नहीं बताए गए हैं उनके लिए क्या पेनल्टी का प्रावधान हैं?

कृष्ण: अर्जुन, अनुभाग 125 के अनुसार कोई व्यक्ति जो अधिनियम या उसके किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करता हैं जो इस अधिनियम के तहत बनाए गए हैं जिनके लिए कोई अलग से जुर्माना नहीं हैं , उनके लिए पेनल्टी 0 से लेकर 25000 रुपए तक लग सकती हैं।


Disclaimer:  This is meant purely for general education purpose.While the information is believed to be accurate to the best of my knowledge, I do not make any representations or warranties, express or implied, as to the accuracy or completeness of this information. Reader should conduct and rely upon their own examination and analysis and are advised to seek their own professional advice. This note is not an offer, invitation, advice or solicitation of any kind. I accept no responsibility for any errors it may contain, whether caused by negligence or otherwise or for any loss, howsoever caused or sustained, by the person who relies upon it.

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CA Rahul Mittal

+91-99917-25373

Saturday, May 30, 2020

key changes in ITR forms for the AY 2020-2021

Income Tax Returns Forms 1 to 7 for A/Y 2020-21 Notified.


 key changes in ITR forms for the AY 2020-2021:


Passport

One needs to disclose the Passport number if held by the taxpayer. This is to be furnished both in ITR 1-Sahaj and ITR 4-Sugam. Hopefully, it will be made mandatory in other ITR Forms as and when they are notified.

Cash deposit

For those filing ITR 4-Sugam, it has been made compulsory to declare the amount deposited as cash in a bank account, if such amount exceeds Rs 1 crore during the FY.

Foreign travel

If you have spent more than Rs 2 lakh on travelling abroad during the FY, you need to disclose the actual amount spent.

Electricity consumption

If your electricity bills have been more than Rs 1 lakh in aggregate during the FY, you need to disclose the actual amount.

Investment details

Details of investment qualifying for deduction under chapter VIA with bifurcation of details of investment made during the period from April 1, 2020 to June 30, 2020.


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CA Rahul Mittal

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Unlock 1.0 or Lockdown 5.0 ?

केंद्र सरकार ने अगले एक महीने के लिए कंटेनमेंट जोन के बाहर सभी गतिविधियों को फिर से खोलने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. गृह मंत्रालय ने 8 जून, 2020 से सार्वजनिक स्थानों और पूजा के सार्वजनिक स्थान; होटल, रेस्तरां और अन्य आतिथ्य सेवाएं और शॉपिंग मॉल को खोलने की इजाजत दे दी है. हालांकि इसको लेकर अलग से दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे.

मंत्रालय ने कहा है कि आवश्यक गतिविधियों को छोड़कर पूरे देश में रात 9 बजे से सुबह 5 बजे के बीच लोगों की आवाजाही पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा. कंटेनमेंट जोन में 30 जून तक लॉकडाउन जारी रहेगा. कंटेनमेंट जोन में केवल आवश्यक गतिविधियों की अनुमति दी गई है. गृह मंत्रालय ने COVID19 प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय निर्देश जारी किए हैं, जिसमें फेस मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का अनिवार्य पालन शामिल है.

ये होंगे नियम, यहां होगी पाबंदी व छूट

दो गज की दूरी अब भी बनाए रखना होगी।

- सार्वजनिक स्‍थानों पर मॉस्‍क पहनना अनिवार्य होगा।

- शादियों में अधिकतम 50 मेहमान हो सकेंगे।

- अंतिम संस्‍कार में अधिकतम 20 लोग शामिल हो सकेंगे।

- सार्वजनिक स्‍थानों पर गुटखा व पान थूकना दंडनीय अपराध होगा।

चरण 1: सार्वजनिक स्थानों और पूजा के सार्वजनिक स्थान; होटल, रेस्तरां और अन्य आतिथ्य सेवाएं और शॉपिंग मॉल को 8 जून, 2020 से खोलने की अनुमति दी जाएगी. सरकार इस संबंध में दिशानिर्देश जारी करेगी.

चरण 2: स्कूल, कॉलेज, शैक्षिक / प्रशिक्षण / कोचिंग संस्थान आदि, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ विचार-विमर्श के बाद खोले जाएंगे

चरण 3: अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा, मेट्रो रेल का संचालन, सिनेमा हॉल, व्यायामशाला, स्विमिंग पूल, मनोरंजन पार्क आदि के लिए तिथियों का निर्धारण स्थिति के आकलन के आधार पर किया जाएगा

CBDT Notifies New Annual Information Statement (AIS)

  • CBDT vide Notification dated May 28, 2020 amended Form 26AS in Sec 285BB w.e.f. 01.06.2020.

  •  Key takeaways are:

  • New form 26AS will also provide information in respect of “Specified financial transactions” which include transactions of purchase/ sale of goods, property, services, works contract, investment, expenditure, taking or accepting any loan or deposits of such value as may be prescribed but not less than of Rs 50,000.     
  • Information about income tax demand, refund, proceedings pending, and proceedings completed which may include assessment, reassessment under section 148,153A 153C, revision, appeal will also be shared in this form 26AS.      
  • Information on this form 26AS will not be a one-time affair at year end. This will be a live 26AS, as this will be updated regularly within 3 months from the end of the month in which such information is received.       
  • Form 26AS will now be a complete profile of the taxpayer for that particular year as against earlier form 26AS which just provided the information about taxes paid by way of TDS/TCS or self-assessing.    
  • This form will also have mobile no, email I’d and Aadhar no. of the taxpayer.      
  • Further an enabling provision has been notified empowering the CBDT to authorise DG Systems or any other officer to upload in this form, information received from any other officer, authority under any law. Thus any adverse action initiated or taken or found or order passed under any other law such as custom , GST , Benami Law etc. including information about Turnover , import , export etc. will also be put in this form 26AS so that not only the concerned taxpayer but  also all the Income Tax authorities will  know and have access to such information.      
  • This form 26AS will also provide information received by Tax Deptt from any other country under the treaty /exchange of information about income or assets of the taxpayer located outside India.     
  • The implication of this new form 26AS will be that banks , financial institutions or any other authority or customer , buyer etc. while carrying out due diligence of the person/ corporate concerned will now ask for form 26AS  so as to be sure that there are not any major issues about such person/corporates.   
  • This will now make difficult for any taxpayer to hide information from any bank / financial institution/ authority about any proceedings against under any law or tax demand, tax disputes etc.

Wednesday, May 20, 2020

Treatment of Cash Transaction & Cash Expenses Limit in Income Tax

अर्जुन: हे माधव, प्रणाम! मेरी एक समस्या का निवारण कीजिए।

कृष्ण: कहिए अर्जुन! बताइए क्या समस्या हैं?

अर्जुन: माधव, मुझे यह बताए कि GST कानून के तहत एक टैक्सपेयर कितने रुपए का नकद में लेन-देन कर सकता हैं?

कृष्ण: वत्स! GST कानून में नकद लेन-देन को लेकर कोई भी प्रावधान नहीं हैं परन्तु इनकम टैक्स कानून के तहत नकद लेन-देन पर विभिन्न प्रावधान हैं। 

अर्जुन: प्रभु! मुझे इन प्रावधानों बारे के विस्तार से बताइए।

कृष्ण: अर्जुन, इनकम टैक्स अधिनियम के तहत नकदी में पैसे लेने की सीमा से संबंधित कुछ प्रावधान हैं।

इनकम टैक्स अधिनियम के अनुभाग 269 ST के अनुसार अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति से 2 लाख या उससे ज्यादा रुपए लेता हैं ;
1. एक दिन में एक व्यक्ति से
2. एक लेन-देन (transaction) के लिए
3. एक Event या एक occasion के लिए

तो रुपए पाने वाला (Receiver) व्यक्ति, इनकम टैक्स अधिनियम के अनुभाग 271DA के तहत , ऐसी रसीद की राशि के बराबर राशि जुर्माने के तौर पर भरेगा। 

उदाहरण के तौर पर जैसे:

1.  अगर Mr. A ने Mr. B को दो बार अलग अलग दिन में माल बेचा। जिनकी कीमत 1.25 लाख और 1.20 लाख थी।  अगर Mr. B एक दिन में Mr. A को 2.45 लाख का भुगतान नकद में कर देता  है तो Mr. A पर 100 % जुर्माना लगेगा अर्थात Mr. A पर 2.45 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा। 

2. अगर Mr. P ने Mr. Q को एक बिल के तहत 3 लाख का माल बेचा। उस की पेमेंट 1.25 लाख और 1.75 लाख दो अलग-अलग तिथि में नकद ली तो भी Mr. P पर 100 % जुर्माना लगाया जाएगा।

3.अगर शादी में गार्डन वाले ने गार्डन बुक करके 2 लाख से ज़्यादा की पेमेंट नकद में ली, तो उस गार्डन के मालिक पर 100% जुर्माना लगाया जाएगा।

4. अगर किसी गाड़ी के विक्रेता ने कोई गाड़ी बेच कर 2 लाख से ज़्यादा की पेमेंट नकद में ली, तो उस गाड़ी के विक्रेता पर 100 % जुर्माना लगाया जाएगा। 

हालांकि निम्न व्यक्तियों को 2 लाख से अधिक राशि नकद में प्राप्त करने से छूट दी गयी हैं-
1. सरकार
2. बैंकिंग कंपनी
3. पोस्ट ऑफिस
4. को- ऑपरेटिव बैंक
5. कोई ऐसा व्यक्ति जिसे केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित किया गया हो।

अर्जुन: भगवन , मुझे खर्चे से संबंधित प्रावधान और बतलाने की कृपा करें।

कृष्ण: अर्जुन, इनकम टैक्स अधिनियम में नकदी में खर्चे का प्रावधान अनुभाग 40 A(3) में हैं।

इनकम टैक्स अधिनियम के अनुभाग 40A(3) के तहत यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को एक दिन में 10,000 से अधिक का कोई भी भुगतान नकद में करता हैं, तो उसे खर्चे की छूट नहीं मिलेगी।

हालांकि , आप किसी माल के plying, hiring या leasing के लिए किसी व्यक्ति को भाड़ा देते हो, तो नकद भुगतान की सीमा( लिमिट) 10,000 नहीं होकर 35,000 रुपए मानी जायेगी।

उदाहरण के तौर पर;

आप कोई व्यवसाय करते हैं , उसमें आपने किसी अन्य व्यक्ति को एक दिन में 45,000 रुपए का भुगतान नकद में किया तो आपके द्वारा किया गया यह भुगतान अस्वीकार (disallow) कर दिया जाएगा अर्थात इसको इनकम टैक्स के हिसाब से ख़र्चा नहीं माना जाएगा और आपकी इनकम में इसे जोड़ दिया जायेगा।

हालांकि कुछ खास जगह पर ये प्रावधान लागू नहीं होता जिन्हें रूल 6DD में बताया गया हैं अर्थात आप इन परिस्थितियों में 10,000 रुपए से अधिक का नकद में भुगतान कर सकते हैं, तो वह भुगतान आपका मान्य होगा।

जैसे:
•यदि आप किसी बैंक या अन्य क्रेडिट इंस्टीट्यूशन को भुगतान करते हैं जैसे- RBI, LIC, Co-Operative Society आदि।
• सरकार को
• भुगतान किसी ऐसे व्यक्ति को करना हो जो गांव में या कस्बे में रहता हो या वहां व्यवसाय करता हो जहाँ कोई बैंक नहीं हो
• भुगतान किसी बैंकिंग सिस्टम के माध्यम से किया गया हो, जैसे- डेबिट या क्रेडिट कार्ड द्वारा, मेल या टेलीग्राफिक ट्रांसफर, bills of Exchange आदि।
• यदि किसी किसान, उत्पादक या निर्माता को निम्न के लिए भुगतान किया गया हो जैसे-
° मछली या मछली के उत्पादों के लिए
° मधुमक्खी पालन या बागवानी के संबंध में
° एग्रीकल्चरल या फारेस्ट उत्पाद के लिए
° पशुपालन के उत्पाद के लिए या डेयरी या मुर्गी पालन के लिए
•जब किसी कॉटेज इंडस्ट्रीज के producer को ऐसे उत्पादों के लिए भुगतान किया जा रहा हो, जो कि बिना पावर की सहायता के बने हो
•जब किसी एम्प्लायर द्वारा अपने एम्प्लोयी को सेक्शन 192 के अनुसार टीडीएस काटने के बाद निम्न केस में पेमेंट किया जा रहा हो,
°अस्थायी रूप से लगातार 15 दिन या अधिक के लिए अपनी ड्यूटी की जगह से किसी अन्य जगह या शिप में कार्य करने पर और
°उस जगह या शिप पर उसका कोई बैंक अकाउंट नहीं होने पर
•किसी एम्प्लोयी को रिटायरमेंट, छटनी या मृत्यु होने पर Gratuity या रिटायरमेंट कंपनसेशन या कोई अन्य बेनिफिट देने पर जो कि 50,000 से अधिक नहीं हो,
•यदि कोई ऐसा पेमेंट हो जो कि बैंक के अवकाश या स्ट्राइक के दिन किया गया हो और यह भुगतान उसी दिन किया जाना जरुरी हो।

अर्जुन: भगवन, क्या 2 लाख की नकद रसीद (receipt) का प्रावधान निजी लेन देन पर भी लागू होगा?

कृष्ण: हाँ, अर्जुन। यह प्रावधान निजी लेन देन पर भी लागू होगा। उदाहरण के तौर पर -

1. Mr. A ने Mr. B को एक आवासीय घर (Residential House) बेचा और 2 लाख से ज्यादा नकद प्राप्त किया । तो Mr. A पर नकद में प्राप्त राशि के बराबर राशि का जुर्माना लगेगा। 

अर्जुन: भगवन! अगर कोई इनकम जिस पर इनकम टैक्स नहीं लगता क्या यह जुर्माना उस इनकम पर भी लगेगा। 

कृष्ण: हाँ, अर्जुन! जो इनकम, इनकम टैक्स अधिनियम के तहत के छूट के दायरे में हैं उन पर भी यह जुर्माना लगेगा। जैसे- Mr. A ने Mr. B को 4 लाख रुपए का नकद गिफ्ट दिया। तो इस केस में Mr. B पर 100% जुर्माना लगेगा अर्थात 4 लाख रुपए जुर्माना लगेगा। 

अर्जुन: भगवन, क्या इनकम टैक्स कानून के तहत बैंक से नकदी निकालने पर भी कोई प्रावधान हैं ?

कृष्ण: हाँ अर्जुन,  इनकम टैक्स अधिनियम में बैंक से नकदी निकालने के लिए भी प्रावधान हैं। 

यह प्रावधान 1 सितंबर 2019 से लागू किया गया हैं।

अगर कोई करदाता एक वित्त वर्ष में 1 करोड़ से अधिक नकद निकालता हैं तो अनुभाग 194 N लागू होगा।

यह अनुभाग किसी भी करदाता द्वारा की गई निकासी पर लागू होगा, जिसमें शामिल हैं -

• एक व्यक्ति
• एक हिन्दू अविभाजित परिवार (HUF)
• एक कंपनी
• एक साझेदारी फर्म या एक LLP
• एक स्थानीय प्राधिकारी (A Local Authority)
• व्यक्ति की एसोसिएशन (AOPs) या व्यक्तियों का निकाय (BOI)

इस अनुभाग के तहत निम्न दाताओं को शामिल किया गया हैं:

• कोई भी बैंक (निजी या सार्वजनिक क्षेत्र)
• एक सहकारी बैंक (co-operative Bank)
• डाक घर

इस अनुभाग में दाता द्वारा 2% की दर से TDS काटा जाएगा अगर नकद निकासी एक वित्त वर्ष में 1 करोड़ से अधिक हैं । इस अनुभाग के तहत 1 करोड़ से ऊपर की राशि पर TDS काटा जाएगा कुल राशि पर नहीं। 

उदाहरण के तौर पर-

अगर एक व्यक्ति बैंक से कुल 99 लाख रुपए नकद निकाल चुका हैं एक वित्त वर्ष में तथा अगली निकासी में वह 150000 रुपए निकालता हैं तो TDS सिर्फ़ 50,000 रुपए पर ही कटेगा। 

अर्जुन: प्रभु! 1 करोड़ रुपए नकद निकासी की सीमा एक बैंक में सब खातों को मिलाकर लागू होगी या नहीं। कृपा मेरा संशय दूर करे।

कृष्ण: हाँ अर्जुन, एक बैंक में मौजूद सभी खातों से निकाली गई नकदी अगर 1 करोड़ रुपए से अधिक हैं तो 2% TDS कटेगा। 

उदाहरण के तौर पर : 

अगर एक बैंक में आपका चालू खाता भी हैं और बचत खाता भी हैं तो 1 करोड़ की सीमा दोनों खातों  को मिलाकर देखी जाएगी।

अर्जुन: भगवन, अगर मेरे अलग - अलग बैंक में खाते हैं तो क्या 1 करोड़ रुपए की सीमा सभी बैंक खातों को मिलाकर लागू होगी?

कृष्ण: अर्जुन,एक वित्तीय वर्ष में 1करोड़ रुपए की सीमा प्रति बैंक या डाकघर के संबंध में हैं, न कि किसी करदाता के व्यक्तिगत खाते के संबंध में।

उदाहरण के तौर पर: 

जिस व्यक्ति के 4 अलग-अलग बैंकों में बैंक खाते हैं, वह बिना किसी टीडीएस के 1 करोड़*4= 4 करोड़ रुपए की नकदी निकाल सकता हैं।

अर्जुन: भगवन, अगर किसी करदाता ने अपनी पिछली इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं की हो, तो क्या उसके लिए भी नकद निकासी की सीमा 1 करोड़ की होगी?

कृष्ण: नहीं अर्जुन, बजट 2020 ने करदाताओं के लिए टीडीएस की सीमा को घटाकर 20 लाख रुपए कर दिया गया हैं, जिन्होंने पिछले तीन वर्षों से अपना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया हैं। ऐसे करदाताओं को 20 लाख रुपए से 1 करोड़ तक के  नकद निकालने पर टीडीएस के रूप में 2% का और 1 करोड़ से अधिक नकद निकालने पर टीडीएस के रूप में 5% का भुगतान करना पड़ता हैं।

अर्जुन: हे माधव! आप धन्य हैं जो आपने मेरा मार्गदर्शन किया। 

कृष्ण: तथास्तु  । । 

Disclaimer:  This is meant purely for general education purpose.While the information is believed to be accurate to the best of my knowledge, I do not make any representations or warranties, express or implied, as to the accuracy or completeness of this information. Reader should conduct and rely upon their own examination and analysis and are advised to seek their own professional advice. This note is not an offer, invitation, advice or solicitation of any kind. I accept no responsibility for any errors it may contain, whether caused by negligence or otherwise or for any loss, howsoever caused or sustained, by the person who relies upon it.

Tuesday, May 19, 2020

बस पर हो रही राजनीति पर कुछ शब्द

हमको नहीं चाहिए कोई बस

हम पहुँच जाएंगे अपने आप,
बस लाठी मत बरसाना आप।
आपको सिर्फ करनी आती राजनीति,
नहीं आती कोई शर्म।।

कुछ भाई हमारे पहुँच गए हैं,
कुछ और पहुँच जाएंगे।
जब लॉक डाउन खुल जाएगा,
हम ' आपको' बहुत याद आएंगे।।

हमने तो इस हाल में भी
रेल का भाड़ा दिया हैं।
तुमने तो सिर्फ वादों का
पिटारा दिया हैं।।

वोट पाना तुम्हारा,
एकमात्र निशाना हैं।
मुझको तो अपना
परिवार पालना हैं।।

मंगल तक तुम जरूर,
पहुँचे होंगे।
मुझको मेरे गाँव
जाने दो।।

रास्ते में ना रोकना मुझको,
मुझको मेरे गाँव जाने दो।

Monday, May 18, 2020

Some lines on suffered labour during lockdown

इस लॉक डाउन के आगे बेबस हो गए,
कभी ना माँगकर खाया हो जिसने।
वो आज माँगने पर मजबूर हो गए,
इस लॉक डाउन के आगे बेबस हो गए।।

आये थे शहर दो वक्त की रोटी का इंतजाम करने,
पता नहीं था कि ये दिन भी देखने को मिलेगा।
अपने ही देश में परदेशी हो गए,
लॉक डाउन के आगे बेबस हो गए ।।

शहर के लोगों ने भी नही रोका
अपने घर जाने से,
इस शहर को शहर बनाया
हमने अपने हाथों से।।

हमारा गुनाह सिर्फ़ इतना हैं
कि हम मजदूर हैं।
वक़्त के आगे आज
हम मजबूर हैं।।

अमीर लोगों को
विदेश से लाया गया।
मुझे अपने ही देश में
परदेशी बना दिया गया।

मेरा कसूर सिर्फ इतना
कि भारत को बनाने में खुद को खपा दिया।
ए साहिब तूने मेरी
देशभक्ति का अच्छा सिला दिया।।

हमको नहीं मालूम था ए खुदा, की लाठी भी मिलेगी तेरे शहर में।



हमको नहीं मालूम था ए खुदा,
की लाठी भी मिलेगी तेरे शहर में।
जिस शहर में कमाने को आए
वही दर दर भटकने को मजबूर हो गए।।

हमको नहीं हैं शौक माँगने का
ये तो हालात ऐसे कर दिए ।
कि हम अपना परिवार छोड़कर
शहर में कमाने को चल दिए।।

प्रवासी मजदूरों की व्यथा

क्यों रहे हम मजदूर,
क्या किसी ने कभी सोचा।
पढ़ने का मन हमारा भी था,
हमने भी था एक सपना देखा।।

नहीं थी औक़ात
निजी स्कूल में पढ़ने की,
सरकारी में नहीं थी
पढाई किसी काम की।।

सरकारी स्कूलों को दुरुस्त
करने का कब किस ने सोचा,
शिक्षा के निजीकरण को
कब किसने हैं रोका।।

नौकरी लगाने के नाम पर हो रहे
भ्रष्टाचार को कब किसने है रोका,
फर्जी डिग्री बाँटने वाले को
क्यों नही किसी ने टोका।।

हमारे शहर में क्यों नही
किसी ने उद्योग लगाने का सोचा,
हम क्यों जाते परदेश पैसा कमाने
क्या किसी ने कभी सोचा।।

हमको भी आती हैं अपने घर की याद
क्या किसी ने हमारे लिए ये सोचा ।।

Friday, May 15, 2020

Conversation Between Sh. Krishan and Arjun on the topic of Extension of due date of ITR Filing.

श्री कृष्ण और श्री अर्जुन के बीच ITR फ़ाइल करने की तिथि बढ़ने पर वार्तालाप
श्री कृष्ण: वत्स अर्जुन, किस चिंता में बैठे हो। जऱा हमें भी तो पता लगे।
अर्जुन: भगवन, सादर प्रणाम। मैंने अपनी वित्त वर्ष 2018-19 की ITR फ़ाइल नहीं की हैं।
कृष्ण: तो इसमें चिंता करने की क्या बात हैं अर्जुन?
अर्जुन: भगवन, वित्त वर्ष 2018-19 की ITR फ़ाइल करने की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2020 थी जो कि जा चुकी हैं। आप कह रहे हो की चिंता की क्या बात हैं।
कृष्ण: अर्जुन, भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 की ITR फ़ाइल करने की अंतिम तिथि को 31 मार्च 2020 से बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दिया हैं। अब तुम 30 जून 2020 तक ITR फ़ाइल कर सकते हो।
अर्जुन: भगवन, कृपा करके विस्तार में बताने का कष्ट करें।
कृष्ण: अर्जुन, भारत सरकार ने ITR फ़ाइल करने की अंतिम तिथि को बढ़ाने के साथ ही आधार कार्ड को पैन के साथ लिंक करने की तिथि को भी 30 जून 2020 कर दिया हैं। अगर कोई टैक्सपेयर अब ITR फ़ाइल करता हैं और उसका टैक्स बनता हैं तो उनके लिए ब्याज़ दर में भी कटौती की गई हैं। अगर कोई टैक्सपेयर 20 मार्च 2020 से 30 जून 2020 के बीच में टैक्स जमा करता हैं तो उसके लिए ब्याज़ की दर को 12% से घटा कर 9% कर दिया गया हैं। यद्यपि लेट ITR फ़ाइल करने पर लगने वाली फ़ीस में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हमको यह याद रखना होगा कि बदलाव सिर्फ़ ब्याज़ दर में किया गया हैं। इसके साथ ही टैक्सपेयर्स का अगर इनकम टैक्स का रिफंड बनता हैं तो वो भी शीघ्रता से जारी किया जा रहा हैं।
अर्जुन: भगवन, अगर किसी टैक्सपेयर ने वित्त वर्ष 2018-19 का ITR देय तिथि से पहले फ़ाइल कर दिया हैं और वह ITR में कुछ संशोधन (Revise) करना चाहे तो क्या वह कर सकता हैं?
कृष्ण: अर्जुन, अगर टैक्सपेयर ने अपना ITR समय से फ़ाइल किया हैं तो वह संशोधन कर सकता हैं। वित्त वर्ष 2018-19 की ITR को संशोधन करने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2020 थी जिसको बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दिया गया हैं।
अर्जुन: भगवन, भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भी कुछ छूट का प्रावधान किया हैं क्या?
कृष्ण: हाँ अर्जुन, भारत सरकार ने कोरोना के मद्देनजर वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भी इनकम टैक्स में छूट का प्रावधान किया हैं।
अर्जुन: भगवन अगर ऐसा हैं तो विस्तार मे बताईये।
कृष्ण: अर्जुन, वित्त वर्ष 2019-20 की ITR फ़ाइल करने की तिथि को 31 जुलाई 2020 और 31 अक्टूबर 2020 से बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दिया हैं। टैक्स ऑडिट की तिथि को 30 सितम्बर 2020 से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2020 कर दिया गया हैं। टैक्स सेविंग के लिए निवेश की समय सीमा को भी 31 मार्च 2020 से बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दिया गया हैं। इसके साथ ही विवाद से विश्वास स्कीम को भी बढ़ाकर 31 दिसम्बर 2020 तक कर दिया गया हैं।
अर्जुन: भगवन, आपने मेरा मार्गदर्शन किया। आपको प्रणाम।
कृष्ण: तथास्तु।।

Disclaimer:  This is meant purely for general education purpose.While the information is believed to be accurate to the best of my knowledge, I do not make any representations or warranties, express or implied, as to the accuracy or completeness of this information. Reader should conduct and rely upon their own examination and analysis and are advised to seek their own professional advice. This note is not an offer, invitation, advice or solicitation of any kind. I accept no responsibility for any errors it may contain, whether caused by negligence or otherwise or for any loss, howsoever caused or sustained, by the person who relies upon it.

Conversation Between Sh. Krishan and Arjun on the topic of MSME

 अर्जुन : मित्र कृष्ण , मुझे ये बताए कि MSME क्या हैं?
कृष्ण: अर्जुन, MSME का मतलब सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग से हैं।
1. सूक्ष्म उद्योग (Micro Enterprises)
अगर किसी उद्योग में निवेश 1 करोड़ से कम हैं और उसकी टर्नओवर 5 करोड़ से कम हैं तो वह सूक्ष्म उद्योग के अंतर्गत आएगा।
2. लघु उद्योग ( Small Enterprises)
अगर किसी उद्योग में निवेश 1 करोड़ से ज्यादा लेकिन 10 करोड़ से कम हैं और उसकी टर्नओवर 5 करोड़ से ज्यादा लेकिन 50 करोड़ से कम हैं तो वह लघु उद्योग के अंतर्गत आएगा।
3. मध्यम उद्योग (Medium Enterprises)
अगर किसी उद्योग में निवेश 10 करोड़ से ज्यादा लेकिन 20 करोड़ से कम हैं और उसकी टर्नओवर 50 करोड़ से ज्यादा लेकिन 100 करोड़ से कम हैं तो वह मध्यम उद्योग के अंतर्गत आएगा।

अर्जुन: MSME में आने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए।
कृष्ण: MSME सिर्फ़ निर्माताओं(manufacturer) और सेवा प्रदाता (service provider) के लिए हैं। अगर किसी निर्माता और सेवा प्रदाता की टर्नओवर 100 करोड़ से कम हैं और उसका निवेश 20 करोड़ से कम हैं तो वो MSME में अपने आप को दर्ज करवा सकता हैं।
अर्जुन: प्रभु, MSME में अपने आप को कैसे पंजीकृत (Registered) कर सकते हैं ?
कृष्ण: अर्जुन, MSME में पंजीकृत होने के लिए आपको भारत सरकार द्वारा जारी किए गए पोर्टल या लिंक
http://udyogaadhaar.gov.in/UA/UAM_Registration.aspx पर जाना हैं और अपनी सामान्य जानकारी जैसे आधार संख्या, कार्यालय का पता, पैन नंबर, बैंक खाता संख्या, कर्मचारियों की कुल संख्या इत्यादि भरकर आप MSME में पंजीकृत हो सकते हो।

अर्जुन: प्रभु, MSME में पंजीकृत करवाने से क्या लाभ होगा ?
कृष्ण: अर्जुन, MSME में पंजीकृत होने से व्यवसायी को बहुत से लाभ मिलते हैं।
1. आसानी से बैंकों से लोन मिलना।
2. बैंकों से लिये लोन पर ब्याज़ दर में कमी।
3. सरकारी टेंडर खरीदने में आसानी।
4. उत्पादन शुल्क में छूट।
5. स्टाम्प ड्यूटी में लाभ।
6. ट्रेडमार्क में लाभ।
7. टैक्स में बड़ी छूट का मिलना।

अर्जुन: अगर कोई दुकानदार (Trader) MSME में अपने आप को दर्ज करवाना चाहे तो उसके लिए कोई विकल्प हैं।
कृष्ण: नहीं अर्जुन, MSME सिर्फ़ निर्माताओं और सेवा प्रदाताओं के लिए हैं। दुकानदार इसमें शामिल नहीं हैं।
अर्जुन: मित्र, वित्त मंत्री ने MSME के लिए जो लोन की घोषणा की हैं उसके बारे में विस्तार से बताने की कृपा करें।
कृष्ण: वित्त मंत्री ने MSME वालों के लिए 3 लाख करोड़ रुपए के लोन का प्रावधान किया हैं। यह लोन बिना किसी गारंटी के मिलेगा। इसकी समयसीमा 4 साल होगी। एक साल तक आपको मूल धन नहीं चुकाना होगा। यह योजना 31 अक्टूबर 2020 तक लागू रहेगी।
अर्जुन: भगवन श्री कृष्ण जी, मुझे समझ में गया हैं कि ये दुकानदारों के लिए नहीं हैं। आप ये बताने के कृपा करें कि इस लोन पर ब्याज़ नहीं देना होगा क्या?
कृष्ण: प्रिय अर्जुन, फ्री में कुछ नहीं मिलता। ये लोन केंद्र सरकार ने MSME सेक्टर को मदद करने के लिए दिया हैं। जिससे आत्म निर्भर भारत अभियान को बल मिले। आपको इस लोन पर ब्याज देना होगा।
अर्जुन: भगवन आपने मेरा संदेह समाप्त किया। जय श्री कृष्ण
कृष्ण: तथास्तु


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